कौन चुनौती स्वीकारेगा कौन करेगा परिवर्तन
कौन चुनौती स्वीकारेगा कौन करेगा परिवर्तन
कौन करेगा अर्पित अपना देश के लिए तन मन धन॥ध्रु.॥कब तक खंडित देश रहेगा कब तक व्यथा सहेगी मां
कब तक देशद्रोह पनपेगा कब तक आतंकित सीमा
प्रगटे फिर से भीम पराक्रम तभी हटेंगे संकट घन॥1॥
कब तक पश्चिम मोह रहेगा कब तक जिए दीन होकर
कब तक शक्तिहीन रहेंगे कब तक खाएंगे ठोकर
निज गौरव का भाव लिए उर श्रम से होगा नया किरण॥2॥
कब तक भूखा देश रहेगा कब तक सबको ज्ञान नहीं
कब तक मिथ्या भेद रहेगा संस्कृति का सम्मान नहीं राष्ट्र चेतना से ही होगा समरस सुखमय जन जीवन॥3॥
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