दोस्त मिलते हैं तो थोड़ा मुस्कुरा लेते हैं
गम के आंसुओं को भी छुपा लेते है,
दोस्त मिलते है तो ,थोड़ा मुस्कुरा लेते हैं,,,,।।मन की पीड़ा,
चहरे की उदासियों को,
वो अक्सर पढ़ लेते है,
दोस्त जब मिलते हैं तो, थोड़ा मुस्कुरा लेते है,,,,,।।
वो पूछते है,
कैसे हो तुम,,,
झूठ मूठ का चेहरा बना,
थोड़ी हंसी, हम भी हँस देते है,
दोस्त जब मिलते हैं तो थोड़ा मुस्कुरा लेते है,,,,,,,।।
दुनिया भर के ताने,
रिश्तों की बेरुखी,
अपनो का तिरस्कार भी सह लेते है,
दोस्त जब मिलते हैं तो थोड़ा मुस्कुरा लेते है,,,,,,।।
जब छोड़ देते है साथ सब,
टूटने लगते है रिश्ते सारे,
छाने लगता है जीवन में अंधेरा,
तब दोस्त आकर ,हमें थाम लेते है,
दोस्त जब मिलते हैं, तो थोड़ा मुस्कुरा लेते है।।
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